प्रशासन की नाकामी: सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की आस्था से फिर किया खिलवाड़

उज्जैन। सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से आज खिलवाड़ होता दिखाई दिया। प्रशासन ने कुंड के पानी से नहान की व्यवस्था की थी लेकिन कुंड के नजदीक ही फव्वारे लगे होने के कारण नहाने के बाद पानी वापस कुंड में ही एकत्रित हुआ। जिसे फव्वारों द्वारा वापस श्रद्धालुओं को स्नान कराया गया।  दिन पहले ही मेरी कलेक्टर से पर्व स्नान को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने रामघाट और सोमतीर्थ कुंड पर साफ पानी से स्नान का आश्वासन दिया था यदि कुंड में गंदा पानी है तो मैं अधिकारियों से इस बाबत् चर्चा करुंगा और मुख्यमंत्री को भी इससे अवगत कराऊंगा।

-रामलाल मालवीय, विधायक

ऐसा भी देखने में आया…
कई महिलाओं ने फव्वारों के पानी को लोटे में भरकर शिवलिंग पर चढ़ाया। जब जिम्मेदारों से इस बाबत जानकारी चाही गई तो उन्होंने कोई जवाब देने से इंकार कर दिया, और पानी की कमी का हवाला दिया।

प्रशासन की नाकामी: सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की आस्था से फिर किया खिलवाड़
सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ कुंड में हजारों श्रद्धालु नहान के लिये पहुंचे, वहीं श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में भी डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। नगर निगम और पीएचई अधिकारियों ने यहां पानी की कमी का हवाला देकर श्रद्धालुओं की भावनाओं से इस कदर खिलवाड़ किया जिससे भगवान भी अछूते नहीं रहे।

सोमतीर्थ कुंड पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिये पीएचई विभाग द्वारा फव्वारे लगाये गये हैं। फव्वारों में स्नान के बाद गंदा पानी कुंड में एकत्रित होता रहा। पीएचई अधिकारियों ने इसी कुंड में मोटरें लगाकर पाइप को फव्वारों से जोड़ दिया गया है। स्नान के बाद कुंड में एकत्रित गंदे पानी को फव्वारों में सप्लाय कर श्रद्धालुओं को स्नान कराया जा रहा है। खास बात यह कि ग्रामीण श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी भी नहीं और कई महिलाएं फव्वारों में आ रहे गंदे पानी से स्नान के बाद कलशों में जल भरकर पास स्थित शिव मंदिर में यही जल चढ़ा रही थीं।

पीएचई विभाग द्वारा एक ओर जहां श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है तो दूसरी ओर अनजाने में गंदा जल भगवान को चढ़ाकर श्रद्धालु भी पुण्य क्षय कर रहे हैं। यह हाल तो सोमतीर्थ कुंड का है, जबकि शिप्रा नदी में पिछली शनिश्चरी अमावस्या से एकत्रित पानी जो गंदा और बदबूदार हो चुका है उस पानी को बदलकर श्रद्धालुओं को स्नान कराने की योजना तो अधिकारियों ने नहीं बनाई लेकिन सुबह 8 बजे रामानुजकोट स्थित नाला ओवरफ्लो होने के बाद उसका गंदा पानी सीधे शिप्रा में मिलता रहा। रामानुजकोट से शिप्रा नदी की ओर आवागमन कर रहे सैकड़ों श्रद्धालु इसी नाले के गंदे पानी में होकर नदी तक पहुंचे और रामघाट पर लोगों ने गंदे, मटमैले व बदबूदार पानी में स्नान, आचमन और पूजन किया। पंडा आनंदगुरु लोटावाला ने बताया प्रशासन की लापरवाही से नाले के गंदे पानी में श्रद्धालुओं को स्नान करना पड़ रहा है।

एक दूसरे पर आरोप पीने का पानी भी नहीं
ामघाट पर स्नान करने पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु तेज गर्मी के बीच छांव तलाशते नजर आये। महिलाओं के वस्त्र बदलने के शेड भी कम पड़ रहे थे। स्थिति यह रही कि एक शेड में दो-तीन महिलाओं ने वस्त्र बदले। पीने के पानी के लिये पीएचई के टैंकर खड़े थे लेकिन उनमें भी गर्म और मटमैला पानी आ रहा था जो पीने योग्य नहीं था। हालात ऐसे हो गये कि प्याऊ संचालकों ने लोगों को पानी तो पिलाया लेकिन बोतलों में पानी देने से मना कर दिया।

पीएचई के अधीक्षण यंत्री धर्मेंद्र वर्मा से सीधी बात
हमने सोमवती पर्व स्नान के लिये सोमतीर्थ कुंड पर 8 माध्यमों से फव्वारों में पानी सप्लाय की व्यवस्था की है जिन्हें ट्यूबवेल आदि से जोड़ा गया है। रामघाट पर पानी बदलने के लिये भूखी माता से पानी छोड़ा गया है। नदी का करीब 25 प्रतिशत पानी बदला गया है। रामानुजकोट का नाला ओवरफ्लो होने की जानकारी मिल गई थी और हमने नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट कर दिया था कि नाला आपके अंतर्गत आता है, स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने ही उसकी सफाई की है, हालांकि बाद में पीएचई कर्मचारी भी पहुंच गये थे और उन्होंने भी मदद की। नाले का पानी नदी तक पहुंच जाएगा ऐसा सोचा नहीं था।

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